PM नरेंद्र मोदी ने काशी विश्वनाथ धाम के नए परिसर का लोकार्पण किया

वाराणसी. PM नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम के नए परिसर का लोकार्पण किया। मोदी ने मंदिर में मंत्रोच्चार के साथ पूजा-पाठ की और मंदिर के निर्माण में शामिल मजदूरों पर पुष्प वर्षा कर सम्मानित किया। साथ ही उनके साथ सीढ़ी पर बैठकर फोटो भी खिंचवाई। PM मोदी ने यहां धर्माचार्यों और विशिष्टजनों से संवाद भी किया। प्रधानमंत्री मोदी ने नए बने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण किया। इसका शुभ मुहूर्त रेवती नक्षत्र में दोपहर 1.37 बजे से 1.57 बजे तक 20 मिनट का था। मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत बाबा विश्वनाथ को प्रणाम करने के साथ की।

मैं काशी के कोतवाल के चरणों में भी प्रणाम करता हूं
काशी विश्वनाथ मंदिर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘मेरे प्यारे काशीवासियों और देश-विदेश से इस अवसर के साक्षी बन रहे सभी श्रद्धालुजन। बाबा विश्वनाथ के चरणों में हम शीश नवावत हैं। माता अन्नपूर्णा के चरणन के बार-बार वंदन करत हैं। अभी मैं बाबा के साथ-साथ नगर कोतवाल काल भैरव जी के दर्शन करके आ रहा हूं। देशवासियों के लिए उनका आशीर्वाद लेकर आ रहा हूं। काशी में कुछ भी खास हो, कुछ भी नया हो तो सबसे पहले उनसे पूछना आवश्यक है। मैं काशी के कोतवाल के चरणों में भी प्रणाम करता हूं।’

3 हजार वर्गफीट से 5 लाख वर्गफीट हुआ कैंपस
प्रधानमंत्री ने कहा, गंगा उत्तरवाहिनी होकर विश्वनाथ के पांव पखारने आती हैं, वे भी बहुत प्रसन्न होंगी। मां गंगा को स्पर्श करती हुई हवा बाबा को प्रणाम करते वक्त स्नेह देगी। गंगा उन्मुक्त होंगी तो बाबा के ध्यान में गंगतरंगों की कलकल का दैवीय अनुभव भी होगा। बाबा विश्वनाथ सबके हैं, मां गंगा सबकी हैं। उनका आशीर्वाद सबके लिए है। समय और परिस्थितियों के चलते बाबा और गंगा की सेवा की ये सुलभता मुश्किल हो चली थी पर रास्तों की मुश्किल हो गई थी। विश्वनाथ धाम के पूरा होने से यहां हर किसी के लिए पहुंचना सुगम हो गया है। हमारे बुजुर्ग माता पिता बोट से जेटी तक आएंगे, जेटी से एक्सेलेटर हैं, वहां से मंदिर तक आएंगे। दर्शन के लिए घंटों तक का इंतजार और परेशानी अब कम होगी। पहले यहां मंदिर क्षेत्र केवल 3 हजार वर्गफीट में था, वह अब करीब 5 लाख वर्गफीट का हो गया है।

मोदी ने मजदूरों पर फूल बरसाए
मोदी ने कहा, ई विश्वनाथ धाम तो बाबा अपने हाथ से बनैले हन। कोई कितना बड़ा हवै तो अपने घरै के होइ है। उ कहिए तबै कोई आ सकेला और कछु कर सकैला। बाबा के साथ किसी और का योगदान है तो वो बाबा के गांव का है। बाबा के गण यानी हमारे सारे काशीवासी, जो खुद महादेव के रूप है। जब बाबा को अपनी शक्ति दिखानी होती है तो काशीवासियों को माध्यम बना देते हैं। फिर काशी करती है और दुनिया देखती है। इदम शिवाय, इदम नमम। मैं आज अपने हर श्रमिक भाईबहनों का भी आभार व्यक्त करना चाहता हूं, जिसका पसीना इस भव्य परिसर के निर्माण में रहा है। कोरोना के इस विपरीत काल में भी उन्होंने यहां पर काम रुकने नहीं दिया। मुझे अभी इन साथियों से मिलने का अवसर मिला। उनका आशीर्वाद लेने का सौभाग्य मिला। हमारे कारीगर, प्रशासन के लोग, परिवार, मैं सभी का अभिनंदन करता हूं। मैं यूपी सरकार और आदित्यनाथ जी का भी अभिनंदन करता हूं। जिन्होंने काशी विश्वनाथ योजना के लिए दिन-रात एक कर दिया।

800 करोड़ रुपए की लागत से विश्वनाथ धाम का जीर्णोद्धार
काशी में मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट विश्वनाथ धाम को 800 करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत से बनाया गया है। इसमें श्रद्धालुओं की सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा गया है। प्राचीन मंदिर के मूल स्वरूप को बनाए रखते हुए 5 लाख 27 हजार वर्ग फीट से ज्यादा क्षेत्र को विकसित किया गया है।