भारतीय मूल की गीता गोपीनाथ को मिली अहम जिम्मेदारी, IMF में निभाएंगी शीर्ष नेतृत्व की भूमिका

Gita Gopinath news: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष- आईएमएफ (International Monetary Fund-IMF) की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ अब जल्द ही एक और प्रमुख भूमिका में नजर आएंगी. भारतीय मूल की गीता गोपीनाथ को प्रमोशन मिला है और अब वे अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की फर्स्ट डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्ट होंगी. गीता जियोफ्रे ओकामोटो की जगह लेंगी. गीता गोपीनाथ 21 जनवरी 2022 से इस पद की जिम्मेदारी संभालेंगी.

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की ओर से बताया गया कि ओकामोटा जल्द ही अपना पद छोड़ देंगे, जिसके बाद गीता गोपीनाथ उनकी जगह कामकाज संभालेंगी. वह अभी तक अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष में बतौर चीफ इकोनॉमिस्ट के रूप में कार्य कर रहीं हैं. गीता गोपीनाथ आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन (RBI governor Raghuram Rajan) के बाद अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के मुख्य अर्थशास्त्री के रूप में नियुक्त होने वाली दूसरी भारतीय हैं.

मुख्य अर्थशास्त्री के रूप में कार्य
गीता पिछले तीन वर्षों से अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund) में बतौर मुख्य अर्थशास्त्री के रूप में कार्य कर रहीं हैं. कुछ समय पहले उन्होंने आईएमएफ से कार्यमुक्त होने की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि वे वापस हार्वर्ड यूनिवर्सिटी (Harvard University) जाकर शैक्षणिक कार्य करना चाहती हैं. लेकिन उन्हें पदोन्नति देकर फर्स्ट डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर बनाया गया है.

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के मैनेजिंग डायरेक्टर क्रिष्टैलिना जियोग्रेविया ने कहा कि गीता गोपीनाथ पहली महिला चीफ इकोनॉमिस्ट थीं, अब वह अपनी सेवाएं जारी रखेंगी और वे फर्स्ट डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर के रूप में काम करेंगी.
दिल्ली यूनिवर्सिटी से स्नातक हैं गीता
गीता गोपीनाथ का जन्म 1971 में भारत के मैसूर शहर में हुआ था. उनके पिता टी.वी. गोपीनाथ केरल के कन्नूर जिले के किसान और उद्यमी हैं. गीतान ने दिल्ली यूनिवर्सिटी (Delhi University) से वर्ष 1992 में स्नातक की डिग्री हासिल की और फिर वाशिंगटन विश्वविद्यालय से एम.ए. किया. गीता ने 2001 में प्रिंसटन विश्वविद्यालय से पीएचडी की पढ़ाई पूरी की. गीता के पति इकबाल धालीवाल भी अर्थशास्त्र में स्नातक हैं. वे 1995 बैच के आईएएस टॉपर थे. इकबाल आईएएस की नौकरी छोड़ प्रिंसटन पढ़ने चले गए थे. गीता अपने पति और बेटे से साथ केम्ब्रिज में रहती हैं.

गीता का दिल्ली से IMF तक का सफर
गीता ने गोपीनाथ ने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक करने के बाद यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन से एमए किया. प्रिंसटन विश्विद्यालय से पीएचडी की डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने शिकागो विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर काम शुरू कर दिया. इसके बाद उन्होंने हार्वर्ड विश्वविद्यालय में ज्वाइन किया. वह नेशनल ब्यूरो ऑफ इकोनॉमिक रिसर्च में इंटरनेशनल फाइनेंस एंड मैक्रोइकॉनॉमिक्स प्रोग्राम की सह-निदेशक भी रह चुकी हैं. अमेरिकी आर्थिक समीक्षा की सह-संपादक, अंतरराष्ट्रीय अर्थशास्त्र की हैंडबुक की सह-संपादक और आर्थिक अध्ययन की समीक्षा की संपादक भी रह चुकी हैं.

दिग्गज अर्थशास्त्री हैं गीता
गीता गोपीनाथ गिनती दुनिया के दिग्गज अर्थशास्त्रियों में होती है. उन्हें अंतरराष्ट्रीय वित्त और मैक्रोइकनॉमिक्स संबंधी शोध के लिए भी जाना जाता है. साल 2019 में उन्हें प्रवासी भारतीय सम्मान दिया गया था. यह साल 2019 से अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की प्रमुख अर्थशास्‍त्री के रूप में काम कर रही हैं.